Monday 30 September 2013

उसका दिल धड़कता है किसी और के लिए

सामान्यत: जब भी कभी बेवफाई करने की बात आती है तो इसमें सिर्फ पुरुष को ही दोषी ठहराया जाता है. महिलाओं को भावुक करार देने वाले लोग यह अकसर भूल जाते हैं कि भले ही महिलाएं अपने संबंधों को लेकर पुरुषों से ज्यादा गंभीर रहती हैं लेकिन वह भी एक इंसान है और गलती करने वाला भी इंसान ही होता है. ऐसे में कैसे और किस हद तक महिलाओं पर भरोसा किया जा सकता है यह बात गौर करने वाली हो सकती है.

आपको शायद ही यह बात हजम हो कि जिस तरह महिलाएं अपने पुरुष साथी द्वारा धोखे का शिकार होती हैं उसी तरह पुरुष भी अपनी महिला साथी के हाथों धोखा खा ही जाते हैं. अगर आपको भी अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी के रवैये और आपके प्रति उनके बर्ताव को लेकर संदेह होने लगा है तो हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसे कौन से लक्षण हैं जो यह स्पष्ट कर सकते हैं कि वाकई आपकी महिला साथी आपको धोखा दे रही है. 
cheating 

खास दोस्त की अवधारणा: आपकी गर्लफ्रेंड के कई पुरुष मित्र हैं लेकिन किसी एक के साथ वह अकसर समय बिताती हैं, घंटों उसी के साथ बातें करती हैं और जब आप उनसे इस बारे में पूछते हैं तो वे यह कह देती हैं कि वो सिर्फ उनका अच्छा दोस्त हैं. इस अच्छी दोस्त के मायनें आपको खुद पता करने होंगे.


मैंने सुना नहीं था: आप अपनी गर्लफ्रेंड से कुछ कहते हैं लेकिन वह आपकी बात पर ध्यान नहीं देती हैं या आपकी बातों को अनसुना कर देती है तो आपको उनसे इस बारे में बात करनी चाहिए. उनका अपनी ही दुनिया में खोया रहना उनकी बेवफाई का लक्षण कहा जा सकता है.


मुझे थोड़ा स्पेस चाहिए: अभी तक आपकी गर्लफ्रेंड आपसे हर बात शेयर करती थी लेकिन अचानक वह अपना फोन, अपने प्लान आपसे छुपाने लगी है, अपने फोन को हाथ नहीं लगाने देती है तो समझ लीजिए  वह आपसे दूर अपनी एक दुनिया बनाती जा रही है. 


धोखेबाज पत्नी के लक्षण


ऑफिस से लेट घर लौटना: आपकी पत्नी पहले जल्दी घर लौट आती थी और अब उन्हें घर लौटने में समय लगने लगा है, वह आपसे ज्यादा ऑफिस को महत्व देने लगी हैं तो समझ लीजिए अब कुछ गड़बड़ है.


पोर्न फिल्में देखना: अध्ययन से यह बात साफ हुई है कि पोर्नोग्राफी की शौकीन औरतों की यौनोच्छा उन्हें बेवफाई करने को लालायित करती हैं. ऐसे में जब महिलाएं घर पर अकेली रहती हैं तो वह अपनी सेक्स भावना को संतुष्ट करने के लिए विवाहेत्तर संबंध बनाने की ओर अग्रसर रहती हैं.


खुद में बदलाव करना: जरूरत से ज्यादा समय शीशे के सामने बिताना, अपनी हेयर स्टाइल या कपड़े पहनने के ढंग में बदलाव लाना.

डेली रूटीन जब बदल जाए: रात को देर तक काम करना, अलग-अलग टाइम पर ऑफिस जाना. किसी छोटे से काम को जरूरत से ज्यादा समय देना.

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